“ डियर जींदगी…”
डियर जींदगी तूने बहुत कुछ सिखाया है…
जीवन मे ये साल
हो या कोई भी साल हो हर मोड़ पे
तूने कुछ तो सिखाया
ही है…
कभी तूने बहुत
हसाया है तो कभी तूने बहुत रूलाया है…
तूने हर तूफान से
लडना सिखाया है…
बहेते हुए आंसुओं
को रोकना सिखाया है,
तो बिन वजह के
हसना भी सिखाया है…
जींदगी मे बहुत
से लोग दिये,
सबकाअलग-अलग अनुभव दिया…
हर रिशतों मे से
सिर्फ दोस्ती का ही रिश्ता सबसे गहेरा पाया,
जो सुख को छोड़कर
दुख मे काम आया…
कही अपने बिछड़े
तो कहीं पराये अपने बने
जिन रिशतों मे
कडवाहट सी थी उसमें जैसे
थोड़ी चीनी सी मील गइ
और जिनमें दिखावट की मिठास थी उनको थोड़ा दूर ही
कर दिया… कुछ भी हो पर रब को
हंमेशा पास ही पाया
जब भी मेने
जींदगी के कीसीभी हिस्से मे कितने भी मुश्किल आई
हर मोड़ पर तेरी
रहमतों को साथ पाया हर
अच्छे से अच्छे
और बुरे से बुरे वक्त मे तेरा हाथ ही सर पे पाया
कया बताउ जींदगी
तूने इतने में ही सब कुछ सीखा दिया…
- डोली वाधवानी

7 Comments
Deep and lovely poem. I really liked this one. Your words are beautiful. Thank you for sharing.
ReplyDeleteVery good poem. I was not aware that u can write poem. Keep it up. Lyrics was too good
ReplyDeleteNice my lovely friend
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteCongratulations 👍
ReplyDeleteVery nice poem 👍👍
ReplyDeleteVery nice poem 👍👍
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