कविता
" तैयारी नये साल की "
नये साल के उमंग में,
रंग जाते हैं सब रंग में ।
सब भूलकर दुनिया-दारी,
करते नये साल की तैयारी ।।
द्वेष और क्लेश को छोड़कर,
रीति-रिवाजों को भी तोड़कर ।
बनाके चेहरे पर मुस्कान प्यारी,
करते नये साल की तैयारी ।।
उसदिन सबको गले लगाकर,
हुए ग़लतियों को भी भुलाकर ।
निभाकर दोस्ती की रिश्तेदारी,
करते नये साल की तैयारी ।।
दूर वालों के पास सब जाते,
मीठाई को घर-घर पहुचाते ।
और दूर करके सबकी लाचारी,
करते नए साल की तैयारी ।।
~ मनोज शर्मा "चंदन"

17 Comments
Wahh
ReplyDeleteधन्यवाद❤️
Delete👏👏
ReplyDeleteधन्यवाद❤️
DeleteHappy New year 🎉
ReplyDeleteनए साल की शुभकामनाएं भाई जी❤️🙏
DeleteWaah.!!Bahut khub ..love you Bhai ❤️
ReplyDeleteधन्यवाद आपका❤️
DeleteWow 👏👏👏
ReplyDeleteधन्यवाद❤️
DeleteNice poem
ReplyDeleteधन्यवाद आपका❤️
DeleteVery very nice
ReplyDeleteशुक्रिया❤️
Deleteधन्यवाद भाई जी❤️
ReplyDeleteWow.....
ReplyDeleteशुक्रिया❤️🙏
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