अगर मैं कह दूँ तुम क्या हो मेरे लिए

अगर मैं कह दूँ  तुम क्या हो मेरे लिए

तो शायद तुफान आ जायेगा ,

मेरे दिन की पहली सूरज की किरणें हो तुम,

जब पवन की लहरें ऊठे तो वो एहसास हो तुम ,

जब बारिश की बूँदें बदन को छूती वो मौसम हो तुम,

सर्दियों की गुलाबी सुबह की दिलकशी हो तुम,

अगर मैं कह दूँ  तुम क्या हो मेरे लिए

तो शायद तुफान आ जायेगा ,

रब से की गई इबादत हो तुम,

खुदा से की गई बंदगी हो तुम,

हर दुआ मे मांगी हुई मन्नत हो तुम,

मेरे इस दिल की जन्नत हो तुम,

अगर मैं कह दूँ  तुम क्या हो मेरे लिए

तो शायद तुफान आ जायेगा ,

मेरे हर दुःख दर्द का मरहम हो तुम,

मेरे हर सुख का शुकून हो तुम,

मेरी हर परेशानी का हल हो तुम,

मेरी हर बेचैनी का चैन हो तुम,

अगर मैं कह दूँ  तुम क्या हो मेरे लिए

तो शायद तुफान आ जायेगा ,

मेरी रूह की जिंदगी हो तुम,

मेरे दिल की धड़कन हो तुम,

मेरी साँसों की खुशबु हो तुम,

मेरे होठों की मुस्कान हो तुम

अगर मैं कह दूँ  तुम क्या हो मेरे लिए

तो शायद तुफान आ जायेगा ,

मेरे दिलो-दिमाग मे छाया हुआ नशा हो तुम,

मेरे जहन में बार-बार आता ख्याल हो तुम,

मेरे जुबान पर हर पल रहता कलमा हो तुम,

मेरे दिल की हर अधूरी ख्वाहिश हो तुम,

अगर मैं कह दूँ  तुम क्या हो मेरे लिए

तो शायद तुफान आ जायेगा,

मेरी जिंदगी को रोशनी देने वाले दीपक हो तुम,

मेरे इस जीवन का हमसफ़र हो तुम,

मेरे हाथों की लकीरों में छुपा नसीब हो तुम,

मेरे जिंदा होने का सबूत हो तुम।

-    किंजल पटेल 



 

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