लघु कविता
आज की बात
ककस मोड़ पर आ चुके हैहम,
ना खुश हैना उदास हैहम ।
एक हवा केझोंके सेयह जजिंदगी पलट गई ,
इस वक्त को कै सेभुला हम ?
अब समझ मेंआया वक्त की एहममयत,
पहलेवक्त सेबेकिक्र थेहम ।
अब तो वक्त ही वक्त हैहमारेपास,
किर भी बेचैन हैहम!
- सास्वाति सील
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