ना चाहते हुए भी तुझसे मोहब्बत हो गई

ना चाहते हुए भी तुझसे मोहब्बत हो गई

ना चाहते हुए भी तुझसे मोहब्बत हो गई,

ना जाने कब ये बेहद, बेइंतिहा हो गई।

तुम जो ऐसे बात करते हो,

तो अपनापन सा लगता है।

तुम जब ऐसे डांटते हो,

तब लगता है कोई तो है जिसे मेरी फ़िक्र है।

तुम जब ऐसे प्यार से समझाते हो,

तो लगता है कोई तो है जो मुझे संभाल सकता है।

ना चाहते हुए भी तुझसे मोहब्बत हो गई,

ना जाने कब ये बेहद, बेइंतिहा हो गई।

तुम जो मेरे आसपास होते हो,

तब वो हवाओं में कुछ जादू सा लगता है।

जब तु मुझे छुता है,

तब अजीब सा नशा हो जाता है।

जब तुम मुझे यूँ अपनी बाहों में समा लेते हो,

तब ये दुनिया, दुनिया नहीं जन्नत लगती हैं।

ना चाहते हुए भी तुझसे मोहब्बत हो गई,

ना जाने कब ये बेहद, बेइंतिहा हो गई।

एक पल बात ना हो तुमसे,

तो दिल मचलने लगता है।

एक बार दिदार ना हो तेरा,

तो दिल मे तुफान सा उठ जाता है।

तेरी आदत यूँ हो गई है इस दिल को,

की तेरे बिना एक पल भी शुकून से नहीं रह सकता।

में चाहती हूँ कि बता दू मेरे दिल की सारी बात तुझे,

पर ये दिल डरता कहीं खो ना दू इस जीवन मे तुझे।

ना चाहते हुए भी तुझसे मोहब्बत हो गई,

ना जाने कब ये बेहद, बेइंतिहा हो गई।

- किंजल पटेल 


 

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