यादें

 

कविता

“ यादें ”

 

2020 तुमनें इस साल मेरे और मेरे परिवार को बड़ा रूलाया है,

कोरोना जैसी बीमारी को महामारी बना दुनिया को सताया है,

कभी आंधी तो कभी तूफ़ान हर जगह लाया है,

इससे कुछ न हुआ तो टिड्डीयो से फसलों पर हमला करवाया है,

दुनिया को घरों में कैद कर कंगाल बनाया है,

कितनों के रोजगार छीनकर सड़कों पर लाया है,

पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को एक दम से नीचे की ओर गिराया है,

स्कूल से लेकर काॅलेज तक को बंद करवाया है,

शवों को ढ़ेर लगवा साधुओं की हत्या करवाया है,

ये सब होने के बवजूद भी हमनें 2020 में बहुत कुछ पाया है,

खुद पर विश्वास और अपनों का साथ पाया है,

सालों से फंसा था जो राम मंदिर का कैस वो राम मंदिर अब बनने को आया है,

ईश्वर की महीमा तो देखो गम देखकर भी दुनिया को हंसाया है,

जिस आयुर्वेद को भूल गई थी दुनिया उसे आज फिर दुनिया ने अपनाया है,

योग को अपनाकर अपनी प्रतिरोधक क्षमता को लोगों ने बढ़ाया है,

2020 तुमनें यादों का ढे़र लगाया है,और आज तुम्हारे जाने का समय हो आया॥

 

-    शिवम कुमार 

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