“ भोजन की बर्बादी क्यों करते हो?? ”
ए मानव!! भोजन की बर्बादी क्यों करते हो,
दूसरों की छोड़ो खुद से ही झूठ क्यों बोलते हो??
आओ मिलकर रोके इस बर्बादी को
ख़ुशी_खुशी जीवन जिए,
अपनी थाली को बांटे उनके साथ जिन्हें जरूरत है उसकी,
आओ मिलकर सबको भोजन कराये।
पड़ा है खाना,
हो रहा यूं ही व्यर्थ में बर्बाद,
देखो अन्न देवता और माँ अन्नपूर्णा,
हो रहे है हमसे रुखसत,
क्यों नहीं सोचता कोई इसके ऊपर?
भोजन की बर्बादी क्यों निरंतर होती आयी?
शादी समारोह मे अक्सर,
भोजन तुम क्यों व्यर्थ करते हो?
क्यों खाना थालियों में फेंकते हो?
आओ मिलकर रोके इस बर्बादी को,
आओ मिलकर बांटे खुशियां सबके साथ,
आओ मिलकर एक मुहिम चलाए,
बचा हुआ भोजन भूखों तक पहुंचे,
कोई ऐसी एक परम्परा बनाए।
.हर किसी को नसीब कहां हो पाता है,
भोजन इस संसार में,
किस्मत वाले होते है वो जिसको मिला है,
ये अन्न रूपी अनमोल धन।
आओ मिलकर शपथ ले,
आज से ना करेंगे भोजन बर्बाद,
ना किसी को करने देंगे,
भूखे पेट जागे भले ही सभी,
किसी को भूखे पेट ना सोने देंगे,
अन्न मूल्यवान है इसकी बर्बादी,
ना करेंगे और ना करने देंगे।।
- यश भर्गवा

0 Comments